कर्नाटक:One State, Many Worlds
कर्नाटक का लिखित इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है। कर्नाटक पर नन्द,मौर्य और सातवाहन राजाओ का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इस राज्य पर कदम्ब और गैंग राजवंशो का शासन रहा। श्रावनबेलगोला में जैन संत गोमतेश्वर की प्रतिमा गैंग वंश के एक राजा के मंत्री चामुंड राय ने बनवाई थी। बदामी के चालुक्य वंश(500 -735 ईस्वी )ने नर्मदा से कावेरी तक के विशाल क्षेत्र पर राज्य किया। इस राजवंश ने बदामी,एहोल और पततदकल में अनेक सुन्दर इमारतों का निर्माण कराया। 753 से 973 ईस्वी तक कन्नड़ साहित्य का विकास हुआ। बहमनी के सुल्तानों और बीजापुर के आदिलशाही सुल्तानों ने यहाँ अनेक भवनों का निर्माण किया तथा उर्दू एवं फ़ारसी साहित्य को भी प्रोत्साहन दिया। ुरोपीय लोगो के आगमन से राज्य में नई फसलों की खेती होने लगी। पेशवा(1818 ईस्वी ) और टीपू सुल्तान (1799 ) की पराजय के बाद कर्नाटक ब्रिटिश शासन के अड़ीं हो गया। 19 वि शताब्दी में ईसाई मशीनरियों ने अंग्रेजी शिक्षा तथा छपाई का प्रसार किया। स्वतंत्रता आंदोलन के साथ साथ कर्नाटक के एकीकरण का आंदोलन भी चलने लगा। बेलगाँव कांग्रेस(1924 ) की अध्यक्ष्ता महात्मा गांधी ने की। स्वतंत्रता के पश्चात 1956 ईस्वी में नए एकीकृत मैसूर राज्य का गठन किया गया और 1973 ईस्वी में इसका नाम बदल कर कर्नाटक रखा गया।
परिचय :
राजधानी :बंगलुरु;
क्षेत्रफल :191791 वर्ग किमी;
जनसँख्या ;61130704 ;
लिंगानुपात :968 ;
जनसँख्या घनत्व :319 ;
दशकीय वृद्धि दर : 15.67 %;
साक्षरता :75.60 %;
कुल जिले :29 ;
मुख्य भाषा :कन्नड़ ;
विधानमंडल : द्विसदनीय ;
विधानसभा सदस्य :224 ;
विधान परिषद सदस्य :75 ;
लोकसभा सदस्य: 28 ;
राज्यसभा सदस्य :12 ;
प्रतिवयक्ति आय : 50676 रूपये।
भूगोल:कर्नाटक गोवा और महाराष्ट्र के दक्षिण में ,आंध्र प्रदेश के पश्चिम में ,तमिल नाडु के उत्तर-पूर्व में और केरल के उत्तर में है। राज्य में लगभग 400 किमी लम्बा समुद्र तट है। राज्य में सबसे ऊँची चोटी मुलेयंगिरी है, जिसकी उचाई ६२१७ फुट है। इस राज्य के वनों में सागवान तथा चन्दन के पेड़ मिलते है। कर्नाटक की प्रमुख नदियां है-उत्तर में कृष्णा तथा उसकी सहायक नदियां (भीमा,घाटप्रभा ,मालप्रभा एवं तुंगभद्रा और वेदवंत ) तथा दक्षिण में कावेरी और उसकी सहायक नदियां - हेमवती,शिमशा,अर्कावती ,लक्ष्मण तीर्थ और कबिनो।
अर्थव्वस्था: यह मुख्य रूप से ग्रामीण और कृषि प्रधान राज्य है। इसकी 66% जनसँख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है एवं 56 % श्रम शक्ति क्रषि और इससे सम्बंधित गतिविधियों में लिप्त है। यहाँ की नकदी फसले है-इलायची,सुपारी,नारियल ,मूंगफली,गन्ना और तम्बाकू। वनों से प्राप्त उत्पादों में चन्दन ,सागवान,रबड़ आदि प्रमुख है।
राज्य की कुल आय में उद्योगों का योगदान 20 % है। इस राज्य में सार्वजानिक क्षेत्र के कई प्रतिष्ठान अवस्थित है,जैसे:भारत अर्थ मूवर्स लि.,भारत हैवी इलेकट्रोनिक्स लि। इलेकट्रोनिक उपकरणों के उत्पादन में कर्नाटक भारत में पहले स्थान पर है। इस राज्य को सोने के उत्पादन का भी गौरव प्राप्त है। शिव समुद्रम,शरावती,काली नदी इत्यादि यहाँ की बिजली परियोजनाएं है। यह देश का पहला राज्य है,जिसने गोकेक प्रपात पर 1887 में पन बिजली का उत्पादन किया था।
परिवहन
सड़कें : कर्नाटक में 215849 किमी लम्बी सड़कें है। इसमें 3843 किमी लम्बा राष्ट्रिय राजमार्ग शामिल है।
रेलवे : यहाँ रेल लाइनों की लम्बाई 3089 किमी है।
उड्डयन : राज्य में बंगलौर,बेलगाम ,मंगलोर और हुबली मुख्य हवाई अड्डे है।
बंदरगाह : न्यू मंगलोर राज्य का प्रमुख बंदरगाह है। इस बंदरगाह पर कुद्रेमुख लोह खान से निकले खनिज लोहा के निर्यात के लिए विशेष प्रबंध किया गया है। करवाड बंदरगाह का भी विकास किया जा रहा है और वहां भारतीय नौ सेना की सी बर्ड परियोजना पर काम चल रहा है।
पर्यटन स्थल : राज्य के मुख्य आकर्षणों में सुन्दर पार्कों और उद्द्योगों का नगर बंगलौर,मैसूर का वृन्दावन गार्डन ,आदि है। टीपू सुल्तान की राजधानी श्रीरंगपट्टम में थी। श्रवणबेलगोला स्थित 57 फुट ऊँची गोमतेश्वर(जैन ) की प्रसिध प्रतिमा पर्यटकों का मन मोह लेती है। बेलूर,हलेविड और सोमनथपुरा में विख्यात होयसल स्मारक है। बदामी,एहोल और पट्टादाकल जैसे स्थान चट्टानों को काटकर बनाए गए 1300 साल पुराने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। हम्पी में खुला संगरहलय है तथा गुलबर्गा,बीदर और बीजापुर प्राचीन स्मारकों के लिए जाने जाते हैं। भारत का सबसे बड़ा जलप्रपात जोग मैसूर में है।
No comments:
Post a Comment