उड़ीसा (The soul of Incredible India)
प्राचीन काल में उड़ीसा का नाम
कलिंग था। महाकाव्यों में उड़ीसा
को दंडकारण्य का एक भाग बताया गया है ,जिसे कलिंग,उत्कल और उद्र जैसे प्राचीन
नामों से जाता है। तीसरी शताब्दी
ईस्वी पूर्व (261 ) में मौर्य सम्राट
अशोक ने कलिंग को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया।
दूसरी शताब्दी में उड़ीसा खारवेल के अधिकार में एक शक्तिशाली
राज्य बना। चौथी शताब्दी में समुंद्रगुप्त ने वह के पांच राजाओ को हराकर उसे अपने प्रभाव में ले लिया। 610 ईस्वी में उड़ीसा शशांक के अधिकार में आया। शशांक की मृत्यु के बाद उड़ीसा पर कन्नौज के पुसयभूति वंशीय शासक हर्षवर्धन ने विजय प्राप्त की। सातवीं शताब्दी में उड़ीसा में स्वतंत्र गंग वंश के राजा हुए। इसी वंश का शासक,नर्सिंघ्वर्मन् कोणार्क में सूर्य मंदिर बनवाने के लिए विख्यात है। चौदहवीं शताब्दी से 1592 ईस्वी तक उड़ीसा पर पांच मुस्लमान राजाओ का राज्य रहा। मुगलों के शासन की महत्ता काम होने के बाद मराठों ने उड़ीसा पर अधिकार कर लिया। वे उस पर 1803 ईस्वी तक शासन करते रहे ,जब तक की अंग्रेजो ने उसे अपने अधिकार में ले लिया। ब्रिटिश काल में १ अप्रैल 1936 ईस्वी में उड़ीसा एक अलग प्रान्त कर दिया गया।
भूगोल: उड़ीसा भारतीय प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी तटीय भाग में स्थित है। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी ,उत्तर में झारखण्ड,पश्चिम में छत्तीसगढ़ ,उत्तर -पूर्व में पश्चिम बंगाल और दक्षिण-पूर्व में आंध्र प्रदेश स्थित है। वर्तमान में बालासोर जिले में स्थित चांदीपुर प्रेक्षपस्त्र परिक्षण केंद्र देश के प्रमुख प्रेक्षेपण स्थल के रूप में विकसित हुआ है।
अर्थव्वस्था: राज्य के 65% से अधिक लोग कृषि पर आश्रित है। कुल 87.89 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिचाई की सुविधा उपलब्द है। चावल,तिलहन,मूंगफली,दाल,जूट,गन्ना,नारियल,हल्दी आदि यहाँ की प्रमुख फसलें है। राज्य में वनों के अंतर्गत कुल वन क्षेत्र 48,855 वर्ग किमी है ,जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 31.38% है।
परिवहन:
सड़कें: राज्य में प्रांतीय राजमार्गों की लम्बाई 3855 किमी ,राष्ट्रीय राजमार्गो की लम्बाई 3704 किमी एवं एक्सप्रेस राजमार्गो की लम्बाई २९ किमी है।
रेलवे: राज्य में रेलमार्गो की कुल लम्बाई 2329 वर्ग किमी है। इसमें 2275 किमी लम्बी बड़ी रेल लाइने तथा 54 किमी छोटी लाइने है।
उड्डयन: भुवनेश्वर में हवाई अड्डा स्थित है,जहां से नई दिल्ली,कोलकाता ,विशाखापत्तनम और हैदराबाद के लिए नियमित उड़ान होती है।
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