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ज्वालामुखी : महत्वपूर्ण तथ्य

Tuesday, 14 June 2016

ज्वालामुखी : महत्वपूर्ण तथ्य
पश्चिम अफ्रीका में एकमात्र जाग्रत या सक्रीय  ज्वालामुखी माउंट केमरून है ।
ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में एक भी ज्वालामुखी नहीं है ।
सबसे अधिक सक्रीय ज्वालामुखी अमेरिका तथा एशिया महाद्वीप के तटीय प्रदेशो में पाई जाती  है।
विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सक्रीय ज्वालामुखी ओजसदेल सलादो(६८८५ मी.) एंडीज पर्वतमाला में अर्जेंटीना एवम् चीली की  सीमा पर स्थित है ।
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मृत ज्वालामुखी एकान्कागुआ एंडीज पर्वतमाला पर ही स्थित है । इसकी ऊंचाई ६९६० मी है ।
ज्वालामुखी उद्दगार के समय सर्वप्रथम गैसे और जलवाष्प कृष्ट तोड़कर बाहर आती है इसमें जलवाष्प  की मात्र 65-90% तक होती है ।
जब ज्वालामुखी से राख एवम लावा निकलना बंद हो जाता है तो भी कई दिनों तक उससे गैसे एवम वाष्प निकलती रहती है ,जिसे ‘सोल्फ़तारा’कहते है । यह गंधकीय धुआंग है ।
परिप्रशांत महासागरीय पेटी में अधिकांश ज्वालामुखी श्रंखलाबद्ध रूप में पाई जाती है ।
ज्वालामुखी का व्यापक विस्तार विनाशात्मक प्लेट किनारों के सहारे पाया जाता है ।
स्ट्राम्बोली से सदेव प्रज्वलित गैसे निकलती रहती है,अतः इसे भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ(light house )कहते है।

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