फिरोज तुग़लक़
- फिरोज तुग़लक़ का राज्याभिषेक थट्टा के नजदीक 20 मार्च , 1351 ईस्वी को हुआ। पुनः फिरोज का राज्याभिषेक दिल्ली में अगस्त , 1351 ईस्वी को हुआ। खलीफा द्वारा इसे कासिम आमिर उल मोममीन की उपाधि दी गई।
- राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत फिरोज ने अपने शासनकाल में 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर केवल चार कर - खराज (लगान ), ख़ुम्स (युद्ध में लूट का माल ), जजिया एवं जकात को वसूल करने का आदेश दिया।
- फिरोज तुग़लक़ ब्राह्मणों पर जजिया लागू करने वाला पहला मुसलमान शासक था।
- फिरोज तुग़लक़ ने एक नया कर सिंचाई -कर भी लगाया,जो उपज का 1/10 भाग था।
- फिरोज तुग़लक़ ने 5 बड़ी नहरों का निर्माण करवाया।
- फिरोज तुग़लक़ ने 300 नये नगरों की स्थापना की। इनमें हिसार ,फिरोजाबाद (दिल्ली ) फतेहाबाद ,जौनपुर ,फिरोजपुर प्रमुख हैं।
- इसके शासनकाल में खिरजबाद [टोपरा गांव ]एवं मेरठ से अशोक के दो स्तम्भों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया गया।
- सुल्तान फिरोज तुग़लक़ ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं , विधवाओं एवं लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवान-ए -खेरात की स्थापना की।
- सल्तनतकालीन सुल्तानों के शासनकाल में सबसे अधिक दसों की संख्या (करीब- 1,80,000 ) फिरोज तुग़लक़ के समय थी।
- दसों की देखभाल के लिए फिरोज ने एक नए विभाग दीवान-ए -बन्दगान की स्थापना की।
- फिरोज तुगलक इसने सैन्य पदों को वंशानुगत बना दिया।
- इसने अपनी आत्मकथा फतुहाथ -ए- फिरोजशाही की रचना की।
- इसने जियाउद्दीन बरनी एवं शम्स-ए -शिराज अफीफ को अपना संरक्षण प्रदान किया।
- इसने ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लूटे गए 1300 ग्रंथों में से कुछ को फारसी में विद्वान अपाउद्दीन द्वारा दलायते-फिरोजशाही नाम से अनुवाद करवाया।
- इसने चांदी एवं तांबे के मिश्रण से निर्मित सिक्के भारी संख्या में जारी करवाएं, जिसे अद्धा एवं विख कहा जाता था।
- फिरोज तुगलक की मृत्यु सितंबर 1381 ईस्वी में हो गई।
- फिरोज काल में निर्मित खान-ए -जहां तेलंगानी के मकबरा की तुलना जेरूसलम में निर्मित उमर के मस्जिद से की जाती है।
- सुल्तान फिरोज तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया।
- तुगलक वंश का अंतिम शासक नासिरुद्दीन महमूद तुगलक था इस का शासन दिल्ली से पालम तक ही रह गया था।
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