मुहम्मद बिन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक ग्यासुद्दीन के बाद जूना खाँ मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से दिल्ली के सिंघासन पर बैठा।
- मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित,विद्वान् एवं योग्य व्यक्ति था।
- मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए 'अमीर -ए -कोही ' नामक एक नविन विभाग की स्थापना की।
- मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी में स्थांतरित की और इसका नाम दौलताबाद रखा।
- सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत मुहम्मद बिन तुगलक ने पीतल , तांबा धातुओं के सिक्के चलवाए,जिनका मूल्य चाँदी के रूपये टंका के बराबर होता था।
- अफ़्रीकी (मोरक्को ) यात्री इब्न बतूता लगभग 1333 ईस्वी में भारत आया। सुल्तान ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया। 1342 ईस्वी में सुल्तान ने इसे अपने राजदूत के रूप में चीन भेजा।
- इब्न बतूता की पुस्तक रेहला में मुहम्मद बिन तुगलक के समय की घटनाओं का वर्णन है। इसने अपनी पुस्तक में विदेशी व्यापारियों के आवागमन,डाक चौकियों की स्थापना यानी डाक व्यवस्था एवं गुप्तचर व्यवस्था के बारे में लिखा है।
- मुहम्मद तुग़लक़ ने जिन प्रभा सूर नमक जैन साधू के साथ विचार विमर्श किया था।
- मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च ,1351 ईस्वी को सिंध जाते समय थट्टा के निकर गोडाल में हो गई।
- मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की।
- महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने 1347 ईस्वी में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की।
- मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर इतिहासकार बदायुनी लिखता है," अंततः लोगों को उससे मुक्ति मिली और उसे लोगों से "।
- मुहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था। वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती दरगाह और बहराइच में गाजी मकबरे में गया।
- मुहम्मद बिन तुगलक ने बदायू में मीरन मुलहीम , दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया,मुल्तान में शेख रुकनुद्दीन, अजुधन में शेख मुल्तान आदि संतो की कब्र पर मकबरे बनवाए।