Pages

मुहम्मद बिन तुगलक

Tuesday, 31 May 2016
मुहम्मद बिन तुगलक 


  • मुहम्मद बिन तुगलक ग्यासुद्दीन के बाद जूना खाँ  मुहम्मद बिन तुगलक   के नाम से दिल्ली के सिंघासन पर बैठा। 
  • मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित,विद्वान् एवं योग्य व्यक्ति था। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास  के लिए 'अमीर -ए -कोही ' नामक एक नविन विभाग की स्थापना की।
  • मुहम्मद बिन तुगलक  ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी में स्थांतरित की और इसका नाम दौलताबाद रखा। 
  • सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत  मुहम्मद बिन तुगलक ने पीतल , तांबा धातुओं के सिक्के चलवाए,जिनका मूल्य चाँदी के रूपये टंका के बराबर होता था। 
  • अफ़्रीकी (मोरक्को ) यात्री इब्न बतूता लगभग 1333 ईस्वी में भारत आया।  सुल्तान ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया।  1342 ईस्वी में सुल्तान ने इसे अपने राजदूत के रूप में चीन भेजा। 
  • इब्न बतूता की पुस्तक रेहला में मुहम्मद बिन तुगलक  के समय की घटनाओं का वर्णन है। इसने अपनी पुस्तक में विदेशी व्यापारियों के आवागमन,डाक चौकियों की स्थापना यानी डाक व्यवस्था एवं गुप्तचर व्यवस्था के बारे में लिखा है। 
  • मुहम्मद तुग़लक़ ने जिन  प्रभा सूर नमक जैन साधू के साथ विचार विमर्श किया था। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च ,1351 ईस्वी को सिंध जाते समय थट्टा के निकर गोडाल में हो गई। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की। 
  • महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने 1347 ईस्वी में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर इतिहासकार बदायुनी लिखता है," अंततः लोगों को उससे मुक्ति मिली और उसे लोगों से "। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक  शेख अलाउद्दीन का शिष्य था।  वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती  दरगाह और बहराइच में  गाजी  मकबरे में गया। 
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने बदायू  में  मीरन  मुलहीम , दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया,मुल्तान में शेख रुकनुद्दीन, अजुधन में शेख मुल्तान आदि संतो  की कब्र पर मकबरे बनवाए।  



Read more ...

Day #3:-5 Synonyms And 5 Antonyms

Monday, 30 May 2016

Day #3:-5 Synonyms And 5 Antonyms

Synonyms


11.little               
छोटी                
amount or degree   
सी राशि या डिग्री



12.inadvertent   

अनजाने 
           unintentional          

अनजाने
13.barren           
बंजर 
               infertile                  
बांझ
14.abstain          
बचना 
              refrain                    
बचना
15.counterfeit    
नकली              
 fake                        
नकली


Antonyms


11.diminish        
वृद्धि 
                increase                  
कम हो जाना


12.comply          

चुनौती              
challenge                

का पालन



13.treacherous   

विश्वासघाती
      faithful                     

श्रद्धालु
14.inquisitive      
जिज्ञासु            
unconcerned            
उदासीन
15.affluence       
समृद्धि            
poverty                     
गरीबी



Read more ...

अलाउद्दीन खिलजी(1296-1316)

Saturday, 28 May 2016
अलाउद्दीन खिलजी 

  • २२ अक्टूबर ,१२९६ ईस्वी में   दिल्ली का सुल्तान बना। 
  • अलाउद्दीन खिलजी  के बचपन का नाम अली तथा गुरशास्प था। 
  • अलाउद्दीन खिलजी  ने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थाई सेना की नींव रखी। दिल्ली के शासकों में    अलाउद्दीन खिलजी के पास सबसे विशाल स्थाई सेना थी। 
  • घोडा दागने एवं सेनिको का हुलिया रखने की प्रथा की शुरुआत अलाउद्दीन खिलजी ने की। 
  •  अलाउद्दीन खिलजी  ने भूराजस्व की दर  बढ़कर उपज १/2 भाग कर दिया। 
  • इसने खम्स में सुल्तान का हिस्सा 1/4भाग के स्थान पर 3/4 भाग कर दिया। 
  • इसने व्यापारियों में बेईमानी रोकने के लिया काम तोलने वाले व्यक्ति के शरीर से मॉस काट लेने का आदेश दिया। इसने अपने शासनकाल में 'मूल्य नियंत्रण प्रणाली'को द्रढता से लागू किया। 
  • दक्षिण भारत की विजय के लिए  अलाउद्दीन खिलजी ने मालिक काफूर को भेजा। 
  • जमेयत खाना  मस्जिद,अलाइ दरवाजा,सीरी का किला तथा हजार खंभा महल का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था। 
  • देवी अधिकार के सिद्धांत को अलाउद्दीन खिलजी ने चलाया था। 
  • सिकंदर ए सानी की उपाधि से स्वयम को  अलाउद्दीन खिलजी ने विभूषित किया 
  • अलाउद्दीन ने मलिक याकूब को दीवान ए रियासत नियुक्त किया था। 
  • अलाउद्दीन द्वारा नियुक्त परवाना नवीस नामक अधिकारी वस्तुओं की परमिट जारी करता था। 
  • अलाउद्दीन खिलजी की आर्थिक नीति की व्यापक जानकारी जियाउद्दीन बरनी की कृति तारीखे  फिरोजशाह से मिलती है। 
  • खजाइनुल - फतुह - अमीर खुसरो , रिहला - इब्न बतूता एवं फुतुहस्सलातीन - इसामी की कृति है। 
  • मूल्य नियंत्रण को सफल बनाने में मुहतसीब  एवं नाजिर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। 
  • राजस्व सुधारों के अंतर्गत अलाउद्दीन नें  सर्वप्रथम मिल्क ,इनाम एवं वक्फ  के अंतर्गत दी गई भूमि को वापस ले  कर उसे खालसा भूमि में बदल दिया। 
  • अलाउद्दीन खिलजी के द्वारा लगाए जाने वाले दो नवीन कर दें -(१.)चराई कर (२.)गढ़ी कर 
  • अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में मंगोलों ने भारत पर अपना अंतिम आक्रमण किया। 
  • अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 5 जनवरी 1361 ईस्वी को हो गई। 


Read more ...

Day #2:-5 Synonyms And 5 Antonyms

Wednesday, 25 May 2016


Day #2:-5 Synonyms And 5 Antonyms

Synonyms

6.Bliss          परमानंद               Happiness         खुशी
7.Sombre     निराशाजनक         Dull                    सुस्त
8.Regress     निकासी                Revert
9.Toxic         विषाक्त                 Poisonons          जहरीला
10.Yardstickतुलना                   A standred          के लिए एक 

                                            for comparison    मानक मापदंड

Antonyms

6.Cumbersome        बोझिल     Convenient         सुविधाजनक
7.Loquacious           वाचाल      Bashful               संकोची
8.Intelligible            सुगम        Foolish                 मूर्ख
9.Philanthropist      परोपकारी  Miser                  कंजूस
10.Anxious             उत्सुक      Calm                    शांत

Read more ...

प्राक इतिहास

Wednesday, 25 May 2016

प्राक इतिहास 
  • जिस समय के  जीवन की जानकारी का कोई लिखित साक्ष्य नहीं मिलता, उसे प्राक इतिहास या प्रागितिहास कहा जाता है।  औजारों की प्रकृति के आधार पर प्राक  इतिहास को तीन भागो में बांटा जाता है- पुरा पाषाणकाल , मध्य पाषाणकाल तथा नव पाषाणकाल। 
  • पुरा पाषाणकाल में मानव जीविकोपार्जन के लिया शिकार और खाद्य संगृह पर निर्भर था। 
  • मध्य पाषाणकाल के औजार आमतौर पर छोटे होते थे, जिन्हे मैक्रोलिथ कहा जाता था। 
  • नव पाषाणकाल में आग तथा पहिए का अविष्कार हुआ।  इस समय की प्रमुख विशेषता खाद्य उत्पादन ,पशुओं के उपयोग की जानकारी तथा स्थिर ग्राम्य जीवन का विकास। 
  • मेहरगढ़ प्रशिद्ध नव स्थल है, जहां 7000 ईस्वी पूर्व में कृषि कार्य के साक्ष्य प्राप्त हुए है। यहाँ से गहुँ तथा जौ के खेती के प्रमाण मिले हैं। 
  • मनुष्य के साथ कुत्ते , भेड़िये तथा जंगली बकरे के शवाधान भी प्राप्त हुए हैं। मनुष्य ने सर्वप्रथम कुत्ते को पालतू बनाया।  मानव द्वारा बनाया जाने वाला प्रथम औजार कुल्हाड़ी था। 
  • उत्तर प्रदेश के बेलन  घाटी में स्थित कोल्डीहवा नमक स्थान से चावल की कृषि का साक्ष्य मिला है। मनुष्य ने सबसे पहले जिस धातु का उपयोग आरंभ किया, वह  ताम्बा थी।  ताम्बे से जिस युग में औजार अथवा हथियार बनाए जाने लगे, उसे ताम्र पाषाणकाल कहा  जाता है।  



Read more ...

Day #1:-5 Synonyms And 5 Antonyms

Tuesday, 24 May 2016

Synonyms
  1. Fortify     मज़बूत    -   Braver                  साहसी
  2. Pacify     कमी        -   To bring peace      शांति लाने के लिए
  3. Paucity   कमी        -   Shortage               की कमी
  4. Tedious   थकाऊ    -   Boring                  उबाऊ
  5. Atrocity ज्यादती    -   Violence                 हिंसा

Antonyms
  1. Hereditary                  वंशानुगत               Acquired          का                                                                                                अधिग्रहण
  2. Misery                        दुख                       Bliss                 परमानंद
  3. Barbarous                   बर्बर                      Civilized          सभ्य
  4. Dynamic                     गतशील                 Static                स्थैतिक
  5. Deligent                      मेहनती                  Lazy                 आलसी
 



Read more ...

भौतिक भूगोल PART #3:- तारामंडल

Tuesday, 24 May 2016

तारामंडल
  • यह तारों का एक समूह है; जैसे उर्सा मेजर , मृग ,सिग्नूस, हाइड्रा  आदि। अब तक 89 तारा मंडलों की पहचान की गई है। इसमें सेंटोरस सबसे बड़ा है। 

तारे 

  • प्रकाशवान  तथा प्रकाश उत्पन्न करने वाले  खगोलीय पिंडों को तारा कहते हैं। सूर्य भी एक तारा है जो पृथ्वी के सबसे निकट है। 
  • साइरस पृथ्वी से देखा जाने वाला सबसे चमकीला तारा है। 
  • वामन तारा वे तारे जिनका प्रकाश सूर्य से काम है। 
  • विशाल तर वि टारे जिनका प्रकाश सूर्य से अधिक ह; जैसे-बेटेलगिज सीरियस , अंतरिस। 
  • एस चंद्रशेखर ने  सफेद बोने तारों के न्यूट्रॉन तारों के रूप में विखंडन हेतु सीमा निर्धारित थी । चंद्रशेखर सीमा से अधिक द्रव्यमान सफेद बोन रे न्यूट्रॉन तारे या ब्लैक होल इमेज बदल जाते हैं
  • नोवा वह तारा जिसकी चमक 10 से 20 magnitude  तक बढ़ जाती है। 
  • सुपरनोवा जब तारे की चमक 20 magnitude से अधिक बढ़ जाती है। 
  • नोवा में विस्फोट केवल बाहरी सतह पर होता है, जबकि सुपरनोवा में पूर्ण तारे  में विस्फोट होता है। 
  • ध्रुव तारा उत्तर दिशा में दिखाई देने वाला तारा। 
  • तारे  का रंग उसके ताप का सूचक है। 

                          *Important Point*

तारे  की गति  के बारे में डॉप्लर प्रभाव से जानकारी मिलती है। यदि तारा प्रेक्षक  की ओर आ रहा है तो उसका प्रकाश स्पेक्ट्रम के नीले प्रकाश की और प्रेषित होगा और यदि तारा प्रेषक 
 से दूर जा रहा है तो उसका प्रकाश स्पेक्ट्रम के लाल प्रकाश की ओर प्रेक्षित होगा। यही  डॉप्लर प्रभाव है। 


Read more ...

भौतिक भूगोल Part #2:- ब्रम्हांड

Monday, 23 May 2016

ब्रम्हांड:-
  • ब्रम्हांड की उत्पत्ति 13000000000 वर्ष पूर्व बिग बैंग की घटना से मान जाती है। जिस के प्रतिपादक जॉर्ज लेमेंटेयर थे। 
  • ब्राह्मण के नियमित अध्ययन का आरंभ क्लाडियस द्वारा हुआ। 
  • 1593 में सर्वप्रथम कोपरनिकस में पृथ्वी  के स्थान पर सूर्य को केंद्र में स्वीकार किया और सौरमंडल की खोज की। 
  • नवीनतम ज्ञात मंदाकिनी ड्वार्फ मंदाकिनी है। 
  • प्रॉक्सीमा सेंचुरी सूर्य का सबसे निकटतम तारा है
  • आकाशगंगा का निकटतम मंदाकिनी देवयानी है, जो 2.2 x10^ 8   वर्ष प्रकाश वर्ष दूर है। 
  • प्रकाश वर्ष समय का नहीं वरन दूरी का माप है। 
  • परसेक भी  दूरी मापने का मात्रक है। 
  • क्वेसेर एक खगोलीय चमकीला पिण्ड है , जो अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करता है। 
  • ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा के केंद्र में स्थित अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण का वह  क्षेत्र है, जो प्रकाश को अपने गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर नहीं जाने देता। 

Read more ...

भौतिक भूगोल Part #1

Monday, 23 May 2016

भौतिक भूगोल
  • भूगोल शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ग्रीक  विद्वान इरैटोस्थनीज(276 -194 ईसा पूर्व ) ने किया। इन्हें 'भूगोल का पिता' कहा जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम पृथ्वी की परिधि का लगभग सही मापन किया। 
  • फ्रेडरिक रेटजेल को मानव भूगोल का पिता कहा जाता है जिनका प्रसिद्ध ग्रंथ एंथ्रोपोज्योग्रफी था। 
  • अरस्तू ने सर्वप्रथम पृथ्वी को गोलाकार माना था। 
  • अनेक्सिमेंडर प्रथम व्यक्ति था जिसने विश्व का मानचित्र मापक पर  बनाया था। 

Inportant Notes

  • 'सूर्य सिद्धांत' में 'भूगोल' शब्द का प्रयोग किया गया था। 
  • आर्यभट्ट ने चंद्रग्रहण का कारण  चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ना बताया था। 
  • न्यूटन से लगभग 1300  वर्ष पूर्व भास्कराचार्य ने  'सिद्धांत शिरोमणि' लिखकर गुरुत्वाकर्षण की व्याख्या की। 


read Part 2 

Read more ...

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत

Monday, 23 May 2016
प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत


  1. साहित्यिक  साक्ष्य 
  2. विदेशियों के वृतांत 
  3. पुरातात्विक साक्ष्य 

साहित्यिक  साक्ष्य 

धार्मिक साहित्यिकसाक्ष्यों  के अंतर्गत वेद, वेदांत, उपनिषद, ब्राह्मण ,अन्य पुराण रामायण ,महाभारत, स्मृति ग्रंथ तथा बोद्ध तथा जैन साहित्य आदि को शामिल किया जाता है।   
  • वेदों की संख्या चार है ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद तथा वेदांत के अंतर्गत शिक्षा, कल्प,  ज्योतिष, व्याकरण, ननिरुक्त  तथा छन्द  आते है।  इसके अलावा सभी वेदों के ब्राह्मण एवं आरण्यक है , जिनसे  हमें अनेक ऐतिहासिक एवं सामाजिक तथ्य  प्राप्त होते हैं। 
  • बौद्ध ग्रंथों में त्रिपिटक, निकाय तथा जातक आदि प्रमुख है। 
  • जातक में बुद्ध के पूर्व जन्मों की कथाओं का संकलन किया गया है। सुत्तपिटक में बुद्ध के उपदेश, विनयपिटक में भिक्षु - भिक्षुणियों से संबंधित नियम तथा अभिधम्मपिटक में बौद्ध  मतों की दार्शनिक व्याख्या की गई है। 
  • बौद्ध ग्रन्थ  दीपवंश, महावंश से मौर्यकालीन  पर्याप्त जानकारी मिलती है। नागसेन रचित मिलिंदपन्हो से हिंदी यवन शासक मिनांडर के विषय में सूचना मिलती है। 
  • बोद्ध तथा जैन ग्रंथों से  तत्कालीन सामाजिक, सांस्कृतिक  तथा आर्थिक परिस्थितियों का ज्ञान होता है। 
  • जैन ग्रंथों में परिशिस्तपर्वन्, बद्रबहुचरित, आचारांग सूत्र,भगवती सूत्र, कल्पसूत्र आदि से  अनेक ऐतिहासिक सामग्री मिलती है। जैन ग्रंथ भगवती सूत् में महावीर स्वामी के जीवन तथा समकालीन घटनाओं की जानकारी मिलती है। 
  • अष्टाध्याई संस्कृत व्याकरण का पहला ग्रंथ है जिसकी रचना पाणिनि ने  की थी इसमें पूर्व मौर्यकाल की सामाजिक दशा का चित्रण मिलता है। 
  • अर्थशास्त्र का लेखक कोटिल्य है, जिसे चाणक्य तथा विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। अर्थशास्त्र में मौर्यकालीन राजव्यवस्था स्पस्ट चित्रण मिलता है यह राजकीय व्यवस्था पर लिखी गई पहली पुस्तक है। 
  • शुंगकाल में पतंजलि में पाणिनी की अष्टाध्याई पर महाभाष्य लिखा, जिससे मौर्योत्तर कालीन जानकारी मिलती है। पतंजलि पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित थे। 
  • संस्कृत भाषा में ऐतिहासिक घटनाओं का क्रमबद्ध लेखन कल हमने किया कल्हण की राजतरंगिणी में कश्मीर के इतिहास का वर्णन है। 


विदेशियों के वृतांत
 विदेशियों के वृतांतों को तीन वर्गों में रखा जा सकता है- यूनान रोम के लेखक, चीन के लेखक तथा, अरब  के लेखक।

यूनान- रोम के लेखक
  • हेरोडोटस तथा तिसियस  सबसे पुराने यूनानी इतिहासकार थे। इनकी रचनाओं में कल्पित कहानियों को स्थान दिया गया है।
  • हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहा जाता है। इसने  5वी  शताब्दी ईसवी पूर्व में हिस्टोरिका  नामक पुस्तक की रचना की, जिसमें भारत और फारस  के संबंधों का वर्णन किया गया है।
  • निरयकस,आनासिक्रेट्स,अरिस्टबुलस, सिकंदर के साथ भारत आए थे।
  • मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनानी शासक सेल्यूकस का राजदूत  था। उसने इंडिका के रचना की।  इसमें मौर्यकालीन समाज तथा प्रशासनिक व्यवस्था का विवरण मिलता है।
  • पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रियन सी एक अज्ञात यूनानी   लेखक की रचना है, जो मिश्र आकर बस गया  था। उसने 80 ईसवी में भारतीय समुद्री तट की यात्रा की थी। उस के विवरण में बंदरगाहों का उल्लेख के साथ-साथ आयात निर्यात की वस्तुओं का वर्णन मिलता है।  टॉलेमी ने जियोग्राफी (१४०)की रचना की, जिसमें भारत के भौगोलिक परिदृश्य का विवरण मिलता है।
  • प्लिनी ने  नेचुरल हिस्ट्री की रचना की,इसमें  भारत के विविध पक्षों का उपयोगी विवरण है। इसकी रचना पहली सदी में हुई थी।
  • स्ट्रेबो एक प्रसिद्ध यूनानी रचनाकार था जिसने मेगस्थनीज के विवरण को काल्पनिक माना  है।


चीन के लेखक

  • फाह्यान  पांचवी शताब्दी में चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में भारत आया था। उसने भारत में बौद्ध धर्म की स्थति  का विवरण दिया है। साथ ही उसकी रचना में तत्कालीन समाज एवं संस्कृति का विवरण मिलता है।  फाह्यान ने 'फ़ो-क्यो-की' की रचना की थी।
  • हेनसांग हर्षवर्धन  के समय 629 ईस्वी के लगभग भारत आया था तथा 16 वर्षों तक भारत में रहा उसके यात्रा वृतांत में तत्कालीन राजनीतिक के साथ-साथ भारतीय रीति रिवाज तथा शिक्षा पद्धति का वर्णन मिलता है। उसका भ्रमण  वृतांत सी -यू- की  नाम से प्रसिद्ध है।
  • इत्सिंग सातवीं शताब्दी में भारत आया था। उसने विक्रमशिला तथा नालंदा  विश्वविद्यालयनालंदा विश्वविद्यालय में रहकर बौद्ध धर्म का अध्ययन किया। इत्सिंग  ने बौद्ध शिक्षा संस्थओं  तथा भारतीय समाज के विषय में विस्तार से लिखा है।


अरब  के लेखक

  • सुलेमान नौवीं शताब्दी  में भारत आया था। उसने पाल तथा प्रतिहार शासकों के बारे में लिखा है।
  • अल मसूदी 914 ईस्वी से 943ईस्वी तक  भारत में रहा। उसने राष्ट्रकूट शासकों के साम्राज्यवादी विस्तार का विवरण दिया है।
  • अलबरूनी का वास्तविक नाम अबू रिहान था। उसने तहकीक- ए -हिंद की रचना की। वह महमूद गजनबी  का समकालीन था। अलबरूनी ने  संस्कृत भाषा का अध्ययन किया तथा भारतीय समाज का विस्तृत विवरण अपनी रचना में दिया है। 

पुरातात्विक साक्ष्य
प्राचीन भारत के अध्ययन के लिए पुरातात्विक साक्ष्यों का विशेष महत्व है। यह कालक्रम  का सही ज्ञान प्राप्त प्रदान करने वाले साक्ष्य है। पुरातात्विक साक्ष्यों में अभिलेख,सिक्के ,स्मारक/भवन, मूर्तियां तथा चित्रकला प्रमुख है।
अभिलेख या शिलालेख
  •  अभिलेखों का अध्ययन  पुरालेख शास्त्र कहलाता है।
  • बोगजकोई अभिलेख 1400 ईस्वी पूर्व का है, जिससे आर्यों के ईरान से पूर्व की और अने का साक्ष्य मिलता है। इस अभिलेख में वैदिक देवताओं मित्र, वरुण, इंद्र, तथा नासत्य का उल्लेख मिलता है।
  • महस्थान तथा सहगौरा के अभिलेख चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल के हैं। साहगौरा अभिलेख में सूखे से पीड़ित प्रजा को राहत  देने की बात कही गई है।
  • मस्की तथा गुर्जरा  में स्थापित अभिलेखों में अशोक के नाम का स्पष्ट उल्लेख है। नेतुर तथा उड्डेगोलम  के  में भी अशोक के नाम का उल्लेख है।
  • 1803 में जेम्स प्रिंसेप अपने बाह्मी लिपि  में उत्कीर्ण  अशोक के अभिलेखों को पढ़ने में सफलता पाई।  अशोक के प्रयाग अभिलेख पर ही समुद्रगुप्त की प्रशस्ति भी उत्कीर्ण  है। समुद्रगुप्त की यह प्रशस्ति उसके राजकवि हरिषेण ने उत्कीर्ण की।
  • सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र कहा जाता है। प्राचीनतम  सिक्के सोना, चांदी, तांबा, कासॉ,  सीसा और पोटीन  के मिलते हैं।
  • पकाईमिट्टी के बने सिक्कों के सांचे ईसा की आरंभिक तीन सदियों के हैं। इनमें से अधिकांश कुषाण काल के हैं।
  •  प्राचीन भारतीय सिक्कों पर अनेक चिन्ह उत्कीर्ण , थे इन्हें पंचमार्कड कहा गया। आहात सिक्कों को ऐतिहासिक ग्रंथों में कार्षापण  कहा गया था। ये  इ पू पांचवी सदी के हैं।
  • सर्वप्रथम हिंदी यूनानियों ने  स्वर्ण मुद्राएं जारी की।  इन्होंने सिक्कों पर लेख लिखने का कार्य आरंभ किया।  सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएं कुषाणों ने तथा सबसे अधिक स्वर्ण मुद्राएं गुप्तों  ने जारी की सातवाहनों ने शीशे की मुद्रा जारी की थी।
  • समुद्रगुप्त के एक सिक्के में उसे वीणा बजाते हुए दर्शाया गया है।
  • कुछ गुप्त कालीन सिक्कों पर 'अश्वमेध पराक्रम' शब्द उत्पन्न है।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय ने शको  पर जीत के उपलक्ष्य में चांदी के सिक्के चलाए। चांदी के सिक्के प्राय पश्चिमी भारत में प्रचलित थे।
 स्मारक भवन
  •  स्तूप की पहली चर्चा ऋग्वेद में मिलती है। बौद्ध विहार तथा स्तूपों का निर्माण 4-5 वीं शताब्दी से पूर्व के बाद ही हुआ था। मंदिर निर्माण की नागर, वेसर तथा द्रविड़ शैली प्रचलित थी।  मंदिरों का निर्माण गुप्त काल के बाद ही हुआ था।
  • पटना केकुर्माहर से  चंद्रगुप्त मौर्य के राज प्रसाद के अवशेष प्राप्त हुए हैं। कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर तथा जावा के बोरोबुदुर मंदिर से भारतीय संस्कृति के दक्षिण एशिया में प्रसार  का पता चलता है। बोरोबुदुर मंदिर का निर्माण सम्भवतः  नौवीं  शताब्दी में हुआ था।
मूर्तियां तथा चित्रकला
  • कुषाण काल में बौद्ध धर्म से संबंधित मूर्तियों का निर्माण होने लगा,जिन पर विदेशी प्रभाव देखा जा सकता है। भरहुत, बोधगया, सांची तथा अमरावती से प्राचीन बौद्ध प्रतिमा प्राप्त हुई है। गुप्तकाल में मूर्ति निर्माण की  गांधार तथा मथुरा निर्माण कला प्रजलित थी। गांधार कला पर यूनानी प्रभाव अधिक व्याप्त था।
  • अजंता की गुफाओं के चित्र प्रथम शताब्दी ईस्वी पूर्व से लेकर सातवीं शताब्दी तक  है।
  •   मृदभांड तथा मुहरो  से भी प्राचीन भारतीय इतिहास का कालक्रम का  पता चलता है। चित्रित धूसर मृदभांड वैदिक काल के संबंधित है, जबकि काली तथा लाल मृदभांड का संबंध मौर्य काल से है।


Read more ...