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Gotthard Base Tunnel, world’s longest rail tunnel starts regular service

Monday, 12 December 2016


  • The famed Gotthard Base Tunnel (GBT) has started regular commercial rail service in Switzerland. 
  • The first regular train to use GBT ferried passenger from Zurich to Lugano. 
  • The twin-bore GBT is world’s longest and deepest railway tunnel with length of 57-kilometer. 
  • It had overtaken Japan’s Seikan tunnel (53.9 kilometers) as the longest rail tunnel in world after it was opened in June 2016 for its maiden ride. 
  • Key Facts GBT is the first flat low-level route through the Alps Mountain. 
  • It is situated 2.3 km deep under these mountains and57-kilometer long. 
  • It connects northern and southern Europe and also shortens travel time for many rail routes It was built in 17 years’ time frame starting in 1992 as a part of AlpTransit project, also known as New Railway Link through the Alps (NRLA). 
  • It consists of two single-track tunnels connecting Erstfeld (Uri) with Bodio (Ticino) and passing below Sedrun (Graubünden). 
  • The main purpose of the GBT is to increase total transport capacity across the Alps, especially for freight.


Source: http://currentaffairs.gktoday.in/
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10 facts about Costa Rica

Saturday, 10 December 2016
Costa Rica is a central american country having a population of  around 4.5 million .Here are 10 facts about Costa Rica .

  • Costa Rica contains over  5% of the world's bio diversityeven though it constitutes only0.1% of the worlds total land mass. 

  • Costa Rica is  composed ofseven provinces which are further divided into 81 cantons. 

  • Costa Rica does not have any standing military.It was abolished in 1949.However the country has para military forces.

  • Costa Rica has a life expectancy of 79 years, which is one of the highest in the world. 

  • The literacy rate in the country is 97.8% according to UNESCO.
Red Eyed Tree frog of Costa Rica

  • Football is the most popular sport in Costa Rica.

  • The  capital and largest city of Costa Rica is San Jose.
First postal stamp of Costa Rica issued in 1862

  • Area is of the country is  51,000 Square Kilometers

  • Spanish is the official language of Costa Rica .

  • In Costa Rica  people call themselves ticos(male) and titas(female) .
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Evolution of Computer In Hindi.

Tuesday, 6 September 2016

कंप्यूटर का विकास व इसकी पीढियां
2.1 कंप्यूटर का विकास
हमारे पूर्वजों ने जब अपने जानवरों या संपत्ति गिनती करने के लिए पत्थर का उपयोग शुरू कर दिया था तब उन्होनें कभी नहीं सोचा था कि इससे एक दिन आज के कंप्यूटर को बढ़ावा मिलेगा। लोगों ने इन पत्थरों से गिनती के लिये एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना शुरू कर  दिया जिससे बाद में गणना की एक डिजिटल डिवाइस का आविष्कार हुआ, जिसे हम अबेकस के रूप में जानते हैं।
अबेकस
अबेकस पहला यांत्रिक गणना उपकरण था जो आसानी से और तेजी से जोड़ने व घटाने के लिये इस्तेमाल किया गया था। यह डिवाइस सबसे पहले 10 वीं सदी ई.पू. में मिस्र के लोगों द्वारा विकसित किया गया था, लेकिन चीनी शिक्षाविदों द्वारा 12 वीं शताब्दी ईस्वी में इसे अंतिम रूप दिया गया था।
अबैकस लकड़ी के फ्रेम का बना होता है जिसमें छोटे गोले रॉड पर फिट होते हैं। यह दो भागों 'हैवन' और 'अर्थ' में विभाजित होता है। हैवन ऊपरी हिस्से को और अर्थ निचले हिस्से को कहा जाता है।
नेपियर बोनस
अबेकस के बाद सन 1617 में स्कॉटलैंड के एक गणितिज्ञ जॉन नेपियर ने हड्डियों की छड़ो का प्रयोग कर एक ऐसी मशीन का निर्माण किया जो गुणा व भाग का कार्य भी कर सकती थी इसलिए इस मशीन का नाम नैपियर बोनस रखा गया।
पास्कल का कैलकुलेटर
साल 1642 में, एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ब्लेज पास्कल ने एक एडिंग मशीन, जिसे पास्कल कैलकुलेटर कहा जाता है, का आविष्कार किया जो गियर की मदद से अंकों की स्थिति भी बताता था।
इसे एडिंग मशीन कहा जाता था क्योंकि यह केवल जोड़ने व घटाने का ही काम करती थी।
लीबनिज कैलकुलेटर
साल 1671 में एक जर्मन गणितज्ञ गोटफ्राइड लीबनिज ने पास्कल कैलकुलेटर को संशोधित किया और एक मशीन विकसित की जो गुणा और भाग आधारित बड़ी गणनाएं कर सकती थी।
विश्लेषणात्मक इंजन
साल 1833 में इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया जो हमारे डेटा को सुरक्षित रूप से रख सकती थी। इस उपकरण को विश्लेषणात्मक इंजन कहा गया और इसे पहला यांत्रिक कंप्यूटर माना गया।
इसमें कुछ ऐसे फीचर्स थे जो आज के कंप्यूटर में प्रयोग किये जाते है। कंप्यूटर के इस महान आविष्कार के लिए सर चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के जनक के रूप में जाना जाता है।
2.2 कम्प्यूटर की पीढ़ियां
समय बीतने के साथ में, एक अधिक उपयुक्त और विश्वसनीय मशीन की जरूरत सामने आई जो हमारे काम को और अधिक तेजी से कर सके। इस समय के दौरान, वर्ष 1946 में, पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC सफलतापूर्वक विकसित किया गया और यह कंप्यूटर की वर्तमान पीढ़ी का शुरुआती बिंदु बना।
प्रथम पीढी
ENIAC दुनिया का पहला सफलतापूर्वक विकसित इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था जिसे दो वैज्ञानिकों जे पी एकर्ट और जे डब्ल्यू मॉशी द्वारा विकसित किया गया था। यह पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत थी।
ENIAC का पूरा नाम "इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिक इंटिग्रेटर एंड कैलकुलेटर" है। ENIAC एक बहुत बड़ा कंप्यूटर था और इसका वजन 30 टन था। यह केवल सीमित या छोटी जानकारी स्टोर सकता था।
प्रारंभ में पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की अवधारणा का इस्तेमाल किया गया था। वैक्यूम ट्यूब एक इलेक्ट्रॉनिक घटक है जो बहुत कम कार्य कुशल था और इसलिए यह ठीक से काम नहीं कर सकता था क्योंकि इसे एक बड़ी शीतलन प्रणाली की आवश्यकता थी।
दूसरी पीढी
जैसे-जैसे कम्प्यूटर का विकास हुआ, दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आगमन हुआ। इस पीढ़ी में, वैक्यूम ट्यूब की बजाय ट्रांजिस्टर का इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में इस्तेमाल किया गया जो एक वैक्यूम ट्यूब की तुलना में आकार में काफी छोटा होता है।
इलेक्ट्रॉनिक घटक के आकार में कमी के फलस्वरूप कंप्यूटर के आकार में भी कमी आई और यह पहले कंप्यूटर की तुलना में काफी छोटा हो गया।
तीसरी पीढ़ी
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का साल 1964 में आविष्कार किया गया। कंप्यूटर की इस पीढ़ी में, ट्रांजिस्टर की बजाय आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट) का कंप्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। आईसी के विकास ने माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक के रूप में एक नए क्षेत्र को जन्म दिया।
आईसी का मुख्य लाभ यह था कि यह न केवल छोटे आकार की थी, बल्कि इसका प्रदर्शन भी पिछले सर्किट से बेहतर और विश्वसनीय था। इसे पहली बार टी.एस. किल्बी द्वारा विकसित किया गया था। कंप्यूटर की इस पीढ़ी में विशाल भंडारण क्षमता और उच्च गणना गति थी।
चौथी पीढ़ी
यह वो पीढ़ी है जहां हम आज काम कर रहे हैं। कंप्यूटर जो हम अपने आसपास देखते हैं, चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर हैं। 'माइक्रो प्रोसेसर' कंप्यूटर की इस पीढ़ी के पीछे मुख्य अवधारणा है।
एक माइक्रोप्रोसेसर एकल चिप (L.S.I सर्किट), जो एक कंप्यूटर के किसी भी प्रोग्राम में किसी भी अंकगणितीय या तार्किक कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
माइक्रोप्रोसेसर के विकास के श्रेय संयुक्त राज्य अमेरिका के मार्सियन एडवर्ड "टेड" हॉफ को जाता है। उन्होंने इंटेल कॉर्पोरेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए काम करते समय इंटेल 4004 नामक माइक्रो-प्रोसेसर विकसित किया। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग करते हैं, कंप्यूटर बहुत तेजी और कुशलता से काम करने लग गए।
यह स्पष्ट है कि कंप्यूटर की अगली पीढ़ी अर्थात पांचवीं पीढ़ी जल्द ही विकसित हो जाएगी। उस पीढ़ी में, कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धियुक्त होंगे और एक इंसान की तरह आत्म-निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
पांचवीं पीढ़ी (वर्तमान और भविष्य में)
पांचवीं पीढ़ी के कृत्रिम बुद्धि पर आधारित कंप्यूटर उपकरण अभी विकास के दौर में हैं, हालांकि इस तरह के कुछ अनुप्रयोग वर्तमान में इस्तेमाल किये जा रहे है,जैसे कंप्यूटर द्वारा आवाज पहचानना आदि।
समानांतर प्रसंस्करण और अतिचालक का उपयोग कृत्रिम बुद्धि को एक वास्तविकता बनाने में मदद कर रहा है।
क्वांटम गणना और आणविक और नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से आने वाले वर्षों में कंप्यूटर का स्वरूप बदल जाएगा। पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर का लक्ष्य भाषा इनपुट का जवाब देना और सीखने और आत्म संगठन में सक्षमता विकसित करना है।
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Teachers Day SMS / Text Messages

Sunday, 4 September 2016


Teachers Day SMS / Text Messages


Teachers Day Is Celebrated In:
India = 5 Sept
Pakistan = 5 Oct
China = 10 Sept
Germany = 5 Oct
Sri lanka = 6 Oct
Malaysia = 16 May
Newzealand = 29 Oct
Brazil = 15 Oct

Announcement:

Teachers day is celebrated around the world on different dates. World Teachers' Day aim is to mobilise support for teachers as well as appreciating Teachers.
We have compiled a great list of teachers day sms messages to be shared on this event, you can find these by teacher smsteachers day smshappy teachers day sms , teachers day sms messages , teachers day special smsteachers day greetingsquotes for teachers day , Teachers Appreciation Day Quotes , and teachers appreciation messages.

TEACHER is a full form of

TEACHER is a full form of
T-Talent
E-Education
A-Attitude
C-Character
H-Harmony
E-Efficient
R-Relation
Happy Teachers Day

You are not only our teacher

You are not only our teacher
You are our friend, philosopher and guide
All molded into one person
We will always be grateful for your support
Happy Teachers Day!

Without you ... teacher

Without you, we would have been lost.
Thank you teacher for guiding us, inspiring us
And making us what we are today.
Happy Teachers Day!

To the students!

To his/her students
A teacher is always true!
We are fortunate to have a teacher
As wonderful loving and caring as you!
Happy Teachers Day!
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A Moral Story : Honesty is The Best Policy.

Tuesday, 12 July 2016

A Moral Story : Honesty is
The Best Policy.

Let us enjoy reading this story of Honesty is The Best Policy.

A milkman became very wealthy through dishonest means. He had to cross a river daily to reach the city where his customers lived. He mixed the water of the river generously with the milk that he sold for a good profit. One day he went around collecting the dues in order to celebrate the wedding of his son. With the large amount thus collected he purchased plenty of rich clothes and glittering gold ornaments. But while crossing the river the boat capsized and all his costly purchases were swallowed by the river. The milk vendor was speechless with grief. At that time he heard a voice that came from the river, “Do not weep. What you have lost is only the illicit gains you earned through cheating your customers.

MORAL : Honest dealings are always supreme. Money earned by wrong methods will never remain for ever.

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Akbar Birbal story:- The Place is An Inn

Sunday, 3 July 2016

The Place is An Inn
Once Akbar passed strict orders that no one should take shelter near the parapet wall of the emperor’s residence. He had to pass this order because many persons, especially the roving mendicants were found taking shelter in the cool surrounding of the emperor’s residence. This order created a furore among the mendicants. When Birbal came to know about it he was rather unhappy as this order tarnished the benevolent image of the emperor.
So, one day, disguising himself as a mendicant Birbal reached near the emperor’s palace and reclined on the low parapet wall of the emperor’s private palace. When the guards posted there requested the mendicant to go away, Birbal didn’t budge. Since the palace sentries had been instructed not to harras holy men in any manner, they could not do much except repeatedly requesting did not heed to their requests they waited for the emperor’s return who had gone to have a stroll.
When the emperor returned, he saw a mendicant resting against the boundary wall of the palace. Akbar was annoyed at the temerity of the mendicants. The sentries told, the Emperor that despite their best efforts the mendicant did not move away.
The emperor was turious. He went near the mendicant and roared. “hey…. You, sprawled near the palace of my residence. What do you think the palace to be a public inn where all could come and recline against the parapet of my palace’s boundary wall.”
The disguised Birbal merely looked at the emperor and questioned in an unruffled manner: “Who was staying in this palace before you occupied it?”
“My father, The emperor Humayun,” replied the emperor.
“And before him,” asked the mendicant
“My grandfather, the emperor Babar,: replied the emperor.
“And before him,” asked the mendicant once again.
“Well, There lived the Lodi King Ibrahim Lodi, whom my grandfather defeated him in the pitched battle,” the emperor replied with a peevish look. He was now losing temper at the silly questions being asked by the curious mendicant.
“It means many persons were occupying the palace before you moved in ,” said the mendicant in a firm tone. “Then how can you call this palace exclusively yours. It is a veritable inn or a Dharamshala!” “What do you mean? How it can be?” asked the emperor sternly.
“Don’t we call that place to be an inn or Dharamshala where people come and stay for a short while. In fact the whole world is an inn where people come and stay before their departure to the final abode. What Is your private property or your personal treasure in this transient, fey and unreal world?”
The wise emperor was immensely pleased with the mendicant’s explanation. Suddenly the emperor looked closely at the face of the mendicant and was delighted to see Birbal standing before him in the guise of a mendicant. The emperor said happily: “Thanks a lot, my dear friend, for opening the inner eye of my mind. There is nothing permanent in this temporal world.”

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Nuclear Suppliers Group (NSG)

Friday, 24 June 2016

Nuclear Suppliers Group (NSG) is a group of nuclear supplier countries that seek to prevent nuclear proliferation by controlling the export of materials, equipment and technology that can be used to manufacture nuclear weapons.

History

This section does not cite any sources. Please help improve this section by adding citations to reliable sources. Unsourced material may be challenged and removed. (June 2016) (Learn how and when to remove this template message)
The NSG was founded in response to the Indian nuclear test in May 1974 and first met in November 1975. The test demonstrated that certain non-weapons specific nuclear technology could be readily turned to weapons development. Nations already signatories of the Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) saw the need to further limit the export of nuclear equipment, materials or technology. Another benefit was that non-NPT and non-Zangger Committee nations, then specifically France, could be brought in.
A series of meetings in London from 1975 to 1978 resulted in agreements on the guidelines for export, these were published as INFCIRC/254 (essentially the Zangger "Trigger List") by the International Atomic Energy Agency. Listed items could only be exported to non-nuclear states if certain International Atomic Energy Agency safeguards were agreed to or if exceptional circumstances relating to safety existed.
The name of the "London Club" was due to the series of meetings in London. It has also been referred to as the London Group, or the London Suppliers Group.
The NSG did not meet again until 1991. The "Trigger List" remained unchanged until 1991, although the Zangger list was regularly updated. The revelations about the Iraqi weapons program following the first Gulf War led to a tightening of the export of so-called dual-use equipment. At the first meeting since 1978, held at the Hague in March 1991, the twenty-six participating governments agreed to the changes, which were published as the "Dual-use List" in 1992, and also to the extension of the original list to more closely match the up-to-date Zangger list. A regular series of plenary meetings was also arranged as was the regular updating of the two key lists.

Participating Governments

Member states of the NSG
Initially the NSG had seven participating governments: Canada, West Germany, France, Japan, the Soviet Union, the United Kingdom, and the United States. In 1976-77, participation was expanded to fifteen with the admittance of Belgium, Czechoslovakia, East Germany, Italy, the Netherlands, Poland, Sweden, and Switzerland. Germany was reunited in 1990 while Czechoslovakia broke up into the Czech Republic and Slovakia in 1993. Twelve more nations joined up to 1990. Following the collapse of the Soviet Union a number of former republics were given observer status as a stage towards future membership. China became a participating government in 2004. The European Commission and the Zangger Committee Chair participate as observers. The NSG Chair for 2015-2016 is Argentina.

As of 2016 the NSG has 48 members:
Argentina
Australia
Austria
Belarus
Belgium
Brazil
Bulgaria
Canada
China
Croatia
Cyprus
Czech Republic
Denmark
Estonia
Finland
France
Germany
Greece
Hungary
Iceland
Ireland
Italy
Japan
Kazakhstan
Latvia
Lithuania
Luxembourg
Malta
Mexico
Netherlands
New Zealand
Norway
Poland
Portugal
Romania
Russia
Serbia
Slovakia
Slovenia
South Africa
South Korea
Spain
Sweden
  Switzerland
Turkey
Ukraine
United Kingdom
United States

Candidate members

India
During a state visit to India in November 2010, U.S. President Barack Obama announced U.S. support for India's participation in the Nuclear Suppliers Group, the Wassenaar Arrangement, the Australia Group and the Missile Technology Control Regime, "in a phased manner," and to encourage the evolution of regime participation criteria to that end, "consistent with maintaining the core principles of these regimes."
During a visit to India in December 2010, French President Sarkozy also expressed his country's backing for India's inclusion in Nuclear Suppliers Group.
The United Kingdom has for a long time been a supporter of India's inclusion in the Nuclear Suppliers Group.
During Republic Day visit of India in January 2015, Obama said that India was ready for NSG membership.
Russian president Vladimir Putin has also offered unconditional support to India's entry into NSG.
Switzerland also announced its backing on India's Membership in 48 member group on 6 June 2016 during PM Modi's visit to Geneva, but withdrew support later.  President Obama reiterated U.S. support for India's NSG membership on 8 June 2016 during PM Modi's visit to Washington DC. Japan has expressed support for India's bid for membership of the NSG.[
However China is opposing India's membership to NSG.
In June 2016, India got crucial support from Mexico in its bid to become a member of the NSG ahead of a plenary meeting of the 48-nation bloc whose members are allowed to trade in and export nuclear technology. On June 17, British Premier David Cameron has assured Prime Minister Narendra Modi of the UK's "firm support" for India's NSG membership bid. In an interview on June 18, Russian President Vladimir Putin said that he was 'positive' about India's entry into NSG.[17] On June 20, Canada stated that NSG will be strengthened with India's presence. On June 22 France reiterated its support to India,and urged all the other 48 members of the NSG to allow entry for India into the atomic control body.[19]
Pakistan
Pakistan applied for membership in 2016 mainly to counter India's membership bid. Turkey backed Pakistan. However, many NSG members would oppose Pakistan’s membership bid because of its track record, including the illicit procurement network of Pakistani scientist A.Q. Khan, which aided the nuclear programs of Iran, Libya and North Korea.

Namibia
Namibia applied for NSG membership in 2016.
Role in India-US nuclear agreement
Main article: Indo-US civilian nuclear agreement § NSG waiver
In July 2006, the United States Congress amended U.S. law to accommodate civilian nuclear trade with India. A meeting of NSG participating governments on 21–22 August 2008 on an India-specific exemption to the Guidelines[25] was inconclusive. Several participating governments, including Austria, Switzerland, Norway, Ireland, and New Zealand, expressed reservations about the lack of conditions in the proposed exemption. In another meeting on September 6, 2008, the NSG participating governments agreed to grant India a "clean waiver" from its existing rules, which forbid nuclear trade with a country which has not signed the Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT). The NSG's decision came after three days of intense U.S. diplomacy. The approval was based on a formal pledge by India stating that it would not share sensitive nuclear technology or material with others and would uphold its voluntary moratorium on testing nuclear weapons. The pledge was contained in a crucial statement issued during the NSG meeting by India outlining the country's disarmament and nonproliferation policies.

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फ़्रांस की राज्य क्रांति, मत्वपूर्ण तथ्य:-

Thursday, 23 June 2016

फ़्रांस की राज्य क्रांति, मत्वपूर्ण तथ्य:-
-फ़्रांस की राज्य क्रांति 1789 इस्वी में लुई सोलहवाँ के शासनकाल में हुई। इस समय फ़्रांस में सामंत व्यवस्था थी।
-14 जुलाई, 1789 इस्वी को क्रांतिकारियों ने बास्तील के काराग्रह के फाटक को तोड़कर बंदियों को मुक्त कर दिया। तब से 14 जुलाई को फ़्रांस में 'राष्ट्रिय दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
-"मैं ही राज्य हूँ और मेरे शब्द ही कानून है।" यह कथन है-लुई चोदहवां का।
-वर्साय के शीशमहल का निर्माण लुई चोदहवा ने करवाया था।
-वर्षाय को फ़्रांस की राजधानी लुई चोदहवा ने बनाया था।
-लुई सोलहवा 1774 इस्वी में फ़्रांस की गद्दी पर बेठा।
- लुई सोलहवा की पत्नी मेरी ऑस्ट्रिया की राजकुमारी थी।
-राष्ट्र की समाधी वर्साय का भड़कीला राजदरबार था।
- लुई सोलहवा को देशद्रोह के अपराध में फांसी दी गई।
-टेले एक प्रकार का भूमि कर था।
-फ़्रांसिसी क्रांति में वाल्तेयर, मोंतेस्क्यु एवं रूसो ने सर्वाधिक योगदान किया।
वाल्टेयर चर्च का विरोधी था।
-रूसो फ़्रांस में प्रजातंत्रात्मक शासन पद्दति का समर्थक था।
-"सौ चूहों की अपेक्षा एक सिंह का शासन उत्तम है" यह उक्ति वाल्टेयर की है।
-सोशल कॉन्ट्रैक्ट रूसो तथा लटेर्स ओन इंग्लिश वाल्टेयर की रचना है।
-'कानून की आत्मा ' की रचना मोंतेस्क्यु ने की थी।
-स्टैट्स जनरल के अधिवेशन की शुरुआत 5 मई, 1789इस्वी में हुई थी।
माप तौल की दशमलव प्रणाली फ़्रांस की देन है।
-संस्कृतिक राष्ट्रीयता का जनक हर्डर को कहा जाता है।
-नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त, 1769 इस्वी को कोर्सिका द्वीप की राजधानी अजाजसियो में हुआ था।
- नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था।
- नेपोलियन ने ब्रिटेन के सनिक अकादमी में शिक्षा प्राप्त की।
-1796 इस्वी में नेपोलियन ने इटली में ऑस्ट्रिया के प्रमुख को समाप्त किया।
-फ़्रांस में डायरेक्टरी के शासन का अंत 1799 इस्वी में हुआ।
-नेपोलियन 1799 इस्वी में प्रथम कोंसल बना और 1802 इस्वी में जीवनभर के लिए कोंसल बना।
-1804 इस्वी में नेपोलियन फ़्रांस का सम्राट बना।
-आधुनिक फ़्रांस का निर्माता नेपोलियन को मन जाता है।
- नेपोलियन ने ही सर्वप्रथम इंग्लैंड को 'बनियों का देश' कहा था।
- नेपोलियन ने पत्नी जोजेफाइन को तलाक देकर ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मोरिया लुइसा से शादी की।
- ट्राल्फ़गर का युद्ध 21 अक्टूबर,1805 ईस्वी में इंग्लैंड एवं नेपोलियन के बीच हुआ।
- नेपोलियन ने बैंक ऑफ़ फ़्रांस की स्थापना 1800इस्वी में की।
- नेपोलियन ने कानूनों का संग्रह तैयार करवाया,जिसे नेपोलियन का कोड कहा जाता है।
- नेपोलियन ने नील नदी के युद्ध में अंग्रेजी जहाजी बड़े के नायक नेल्सन के हाथों बुरी तरह पराजित होना पड़ा।
-यूरोप के राष्ट्रों ने मिलकर 1813 इस्वी मे नेपोलियन को लिपजिग नामक स्थान पर हरा दिया उसे बंदी बनाकर एल्बा के टापू पर भेज दिया गया; वह एल्बा से भाग निकला और पुन फ़्रांस का सम्राट बना।
अंततः मित्र राष्ट्रों की सेना ने नेपोलियन को 18 जून,1815इस्वी को वाटरलू के युद्ध में पराजित कर बंदी बना लिया और उसे संत हेलेना द्वीप पर भेज दिया। वहाँ 1821 इस्वी में उसकी म्रत्यु हो गयी। नेपोलियन लिट्स कारपोरल के नाम से जाना जाता है।
- नेपोलियन के पतन का कारण था, उसका रूस पर आक्रमण करना।
-इंग्लैंड के वाणिज्य एवं व्यापर का बहिस्कार करने के लिए नेपोलियन ने महाद्वीपीय व्यवस्था का सूत्रपात किया था।
-विएना कांग्रेस समझोता के तहत यूरोप के राष्ट्रों ने 1815इस्वी में फ़्रांस के प्रभुत्व को समाप्त किया।

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Rainwater Harvesting

Tuesday, 21 June 2016

Rainwater Harvesting
Water harvesting means capturing rain where it falls and making the optimum use of the rainwater at the place where it falls Rain is the first form of water in the hydrological cycle an hence it is a primary source of water for us.  Rivers,  lakes and ground water are all the secondary source of water.  Rain is the ultimate source that feeds all these secondary sources of water Wate harvesting involves the understanding of the value of rain and to make optimum use of the rainwater store at the place where it falls.
For water harvesting,  various techniques and methods can be adopted The first method is to capture the runoff water from the rooftops.  The second way is to capture runoff water from local harve catchment areas.  The third way is to capture and seasonal flood water from local streams.  The fourth is to conserve water through watershed prese management.  It simply means that the collected an water should be kept clean by not allowing any whic polluting activities either in the catchment area or all such places from where the water has been collected.

The water thus harnessed can prove very useful in times of need. it can serve purposes:
(1) it can provide drinking water to the local people
(ii)  It can be used for irrigating the parched land
(iii) it helps in increasing the level of the ground water which can better be used in times of needs through wells and tubewells.
(iv)  Such harvesting of water can reduce storm water discharges and check urban floods.
(v)  Proper harvesting of rainwater can also reduce the overloading of sewage treatment plants.  and
(vi)  Harvesting of rainwater can reduce the inflow of water in the coastal areas and thus reduce the chances of overflooding the coastal areas.

our ancestors were wise enough to harvest the rainwater in a number of ways.  They harvested the raindrops directly from the roof tops and then stored it in tanks built in their courtyards or in the artificial wells dug in the community lands.  They also harvested rainwater open tanks or village pools by fetching water from the swollen streams during the monsoon season During drought,  this harvested water could be used both for irrigation purposes.  We should follow in the footsteps of our ancestors and conserve and preserve rainwater.  Our average village can have an easy access to about 340 hectares of land any which can accommodate an average of 3.75   billion litres of water.  What a relief to the villagers been in times of need,  especially when the rain fails and drought like situation stares at their faces.

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झीलें - एक झलक

Thursday, 16 June 2016

** झीलें - एक झलक **
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1. अंगुली नुमा झीलों के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है ?
Ans-अमेरिका

2. टान्ले सेप नामक झील कहां है ?
Ans-कंबोडिया

3. संसार की सबसे ऊंची झील कौन-सी है ?
Ans-टिटिकाका झील (बोलीविया)

4. क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व की सबसे बड़ी झील कौन-सी है ?
Ans-कैस्पियन सागर

5.विश्व की सबसे गहरी झील कौन-सी है ?
Ans-बैकाल झील (साइबेरिया)

6. संसार की सबसे मीठे पानी की झील कौन-सी है ?
Ans-सुपीरियर झील

7. दुनिया की सबसे अधिक खारे-पानी की झील कौन-सी है ?
Ans-वॉनलेक (तुर्की)

8. अरल सागर झील कहां स्थित है ?
Ans-कजाकिस्तान

9. अफ्रीका की सबसे बड़ी झील कौन-सी है ?
Ans-विक्टोरिया झील

10. कौन-सी झील तंजानिया और युगांडा के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाती है ?
Ans-विक्टोरिया झील

11. भारत की सबसे ऊंची झील कौन-सी है ?
Ans-देवस्थल झील

12. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील कौन-सी है ?
Ans-वुलर झील (जम्मू-कश्मीर)

13. भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है ?
Ans-चिल्का (उड़ीसा)

14. झीलों की उत्पत्ति के लिए कौन-सी बातें आवश्यक हैं ?
Ans-गड्ढे का होना और जल की आपूर्ति

15. प्लाया किसे कहते हैं ?
Ans-रेगिस्तान में पवन के अपघर्षण से बने गर्तों में जब कभी वर्षा जल जमा हो जाते हैं तो कुछ समय के लिए छिछली झीलें बन जाती हैं । ऐसी झीलों को प्लाया कहते हैं ।

16. सैलीना किसे कहते हैं ?
Ans-रेगिस्तान में अत्यंत नमकीन झीलों को ।

17. बील किसे कहते हैं ?
Ans-गंगा के डेल्टा में स्थित डेल्टाई झीलों को ।

18. भारत के पश्चिमी तट पर स्थानीय भाषा में कयाल किसे कहते हैं ?
Ans-लैगून झीलों को ।

19. स्विटजरलैंड की जेनेवा झील किन झीलों के अतंर्गत आती है ?
Ans-भूकंपकृत

20. मृतसागर, टेंगानिका, बैकाल झीलें किस तरह की झीलों का उदाहरण हैं ?
Ans-भ्रंशघाटी झील

21. कैप्सियन सागर झीलों की किस श्रेणी में आता है ?
Ans-नवस्थल या नवभूमि झील

22. भारत में प्रपात झील का उदाहरण कौन-सी झील है ?
Ans-चचाई झील, मीर्जापुर ।

23. किन नदियों के बीच कोलेरु झील है ?
Ans-कृष्णा और गोदावरी

24. गर्त या खड्ड झील का सबसे बढ़िया उदाहरण कौन-सा है ?
Ans-स्कूटैरी झील, यूगोस्लाविया ।

25. विश्व की सबसे बड़ी कोल्डेरा झील कौन-सी है ?
Ans-टोबा झील, इंडोनेशिया ।

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